ब्रिटेन में भारतीयों के आधुनिक दासता में फंसने का खतरा बढ़ा

लंदन। ब्रिटेन सरकार के आधिकारिक आंकड़ों में खुलासा किया गया है कि ब्रिटेन में भारतीय नागरिकों के आधुनिक दौर की दासता के चंगुल में फंसने का खतरा बढ़ा है। पिछले वर्ष यह संख्या 140 थी वहीं 2016 में यह संख्या 100 थी। नैशनल रेफरल मेकैनिज्म( एनआरएम) ने वर्ष 2017 के आंकड़े जारी किए हैं। यह संस्था आधुनिक दासता तथा मानव तस्करी के संभावित पीडि़तों का लेखा-जोखा तैयार करती है।नैशनल क्राइम एजेंसी( एनसीए) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार कुल संख्या में से 25 नागरिक घरेलू दासता के शिकार हुए, 90 श्रम शोषण के शिकार हुए, 18 यौन शोषण के शिकार हुए वहीं सात लोग अज्ञात शोषण की श्रेणी में आते हैं। भारत 10 सर्वाधिक असुरक्षित देशों की सूची में आता है। इस सूची में ब्रिटेन 819 पीडि़तों साथ पहले नंबर पर है इसके बाद अल्बानिया(777) और वियतनाम(739) आते हैं। एनसीए के निदेशक विल केर ने कहा, हमारा आकलन है कि यहां जो बढ़ोतरी हम देख रहे हैं वह जागरूकता बढने तथा आधुनिक दासता के मामले ज्यादा दर्ज होने के कारण है।

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